मीडिया में किसी भी तरह की नौकरी करने के लिए मैं उपयुक्त हूं, जो कोई सामान्य विद्यार्थी कर सकता है।
इंस्टाग्राम लाइव में "LGBTQ: सामाजिक परिदृश्य और कार्यक्षेत्र" विषय पर बोले आईआईएमसी हिंदी पत्रकारिता के छात्र उत्कर्ष
@digipr_iimc के इंस्टाग्राम पर #VisheshSanvad कार्यक्रम का प्रतिदिन होता है लाइव
नई दिल्ली। वर्तमान में किसी को जज करना किसी के प्रति धारणा बनाना किसी को ट्रोल करना बेहद सामान्य हो चुका है। व्यक्ति सही जानकारी के अभाव में भी लगातार टिप्पणी करते रहता है, वह अपने मन की भड़ास अगले व्यक्ति के प्रति बिना कुछ सोचे समझे जाहिर करता है। उसे यह नहीं पता है कि अगले व्यक्ति की मानसिक स्थिति पर उसके कहे का क्या प्रभाव पड़ेगा, जबकि कायदे से होना यह चाहिए कि किसी विषय या मुद्दे पर बोलने से पहले सत्यता की जांच कर लें। यह बातें #digipr_iimc के इंस्टाग्राम लाइव #VisheshSanvadLive कार्यक्रम में "LGBTQ: सामाजिक परिदृश्य और कार्यक्षेत्र" विषय पर वक्तव्य रखते हुए उत्कर्ष ने कही।
उत्कर्ष वर्तमान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत देश के प्रतिष्ठित मीडिया इंस्टिट्यूट भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली में हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा कर रहे हैं। समाज में LGBTQ समुदाय के प्रति लोगों की हीन भावना को लेकर उत्कर्ष ने काफी निराशा जाहिर की। उन्होंने कहा यह बेहद सामान्य और प्राकृतिक है, किसी के साथ कुछ भी हो सकता है स्वीकार करना ही पड़ता है।समाज को इस पर अध्ययन करने और हमारे समुदाय को समझने की आवश्यकता है, हम अलग नहीं हैं हम आप जैसे ही हैं, बस हमारा शरीर अलग है, जिससे कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला।
कार्यक्षेत्र में असहजता को लेकर के सवाल पर उत्कर्ष ने कहा मुझे संस्थान से प्लेसमेंट मिलने की संभावना बेहद कम है। मुझे लगता की प्लेसमेंट के दौरान मेरे लिए चीजें चुनौतीपूर्ण रहने वाली है, हालांकि किसी भी तरह की नौकरी करने के लिए मैं उपयुक्त हूं जो कोई सामान्य विद्यार्थी कर सकता है। कहने को तो बड़ी-बड़ी बातें मंच से कही जाती हैं, लेकिन अमल में लाएं तो बेहतर होगा। उत्कर्ष कहते हैं लेकिन फिर देश के प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान में पढ़ने का यह फायदा जरूर मिलेगा की मुझे सामान्य विद्यार्थियों जैसा समझा जाएगा मुझे पूरी उम्मीद है कि मुझे अच्छा प्लेसमेंट मिलेगा.
उत्कर्ष ने प्राचीन समय में कुरीतियों के खात्मे का जिक्र किया, उन्होंने कहा पुराने समय में बहुत सारी कुरीतियां थी जैसे सती प्रथा, बाल विवाह आदि, वक्त के साथ लोगों का विचार बदला और समाज बदल गया। उसी तरह हमें उम्मीद है कि लोग हमें समझेंगे। उत्कर्ष ने लोगों से अपील की अगर वे इस समुदाय के बारे में अधिक नहीं जानते हैं तो कमेंट ना करें, प्रयास करें कि इसके विषय में सही जानकारी उन्हें प्राप्त हो। आपको बता दें उत्कर्ष ने अपनी शुरुआती शिक्षा वाराणसी के सनबीम स्कूल से पूरी की, उसके बाद गलगोटिया विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा से मास कम्युनिकेशन में पढ़ाई की।